शैक्षणिक संस्था को बंद करने पर निजी विधालय के संचालको ने सरकार के नीति पर जताई आपत्ति !

जमुई  [ झाझा ]    शैक्षणिक संस्था को बंद करने के जारी निर्देश पर झाझा मे प्रखंड निजी विधालय एकता संघ की ओर से सरकार की इस नीति का विरोध मशाल जूलूस निकालकर किया गया। मौके पर विनोद यादव, प्रवीण सिन्हा, एम अख्तर, अभिषेक सिंह, शहनवाज आलम, ब्रोजेन दास, मोनू कुमार सहित अन्य कई लोगो ने हाथो मे मशाल लेते हुये सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश निकाला। मौके पर निजी विधालय के संचालको ने बताया कि कोरोना महामारी मे एक और नेता लाखो की भीड़ लगाकर रैली और आम सभा कर चुनावी प्रचार प्रसार किया जा रहा है जहाॅ न तो मास्क पहने लोग नजर आ रहे न ही सोशल डिस्टेंस के नियमो का पालन किया जा रहा है वैसे सभाओ को रद्व नही किया जा रहा है लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे का हवाला देते हुये स्कूल, काॅलेज, कोचिंग संस्थान को बंद करवाया जा रहा है। यानि सरकार एक ओर अपने कार्यो मे कोरोना का खतरा नही देख रहा है तो वही दूसरी ओर अन्य संस्थानो मे कोरोना का बढ़ते खतरा नजर आ रहा है। आगे लोगो ने कहा कि देश का भविष्य का सवाल ह इसलिये हमलोग अब चुप नही बैठ सकते है। वर्तमान समय मे शिक्षा का स्तर बद से बदतर हो गया। परंतु सरकार द्वारा कोई पहल नही किया जा रहा है। कोर्ट कचहरी, बाजार ,कल कारखाना दफ्तर सब खुला हुआ है लेकिन सिर्फ सरकार स्कूल को क्यो टारगेट किया गया। एक स्कूल मे कम से कम दर्जनो बेरोजगारो का चूल्हा जलता है तमाम कर्मचारी भूख की कगार पर है। सरकार को हर मोड़ पर निजी विधालय की जब भी मदद की आवश्यकता पड़ी है उसे पूरा किया गया लेकिन सरकार निजी विधालयो को अपने निशाना पर लिये हुये है।इसलिये सरकार पहले शिक्षण संस्थानो का वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करे तभी स्कूल बंद करने का आदेश जारी करे। अगर सरकार ने यदि शीघ्र स्कूल खोलने का आदेश नही दिया तो मजबूरन देश भर के तमाम निजी विधालय सरकार की नीति के विरोध बढ़चढ कर विरोध करते हुये आंदोलन का रूख अपनायेगे।

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