कोरोना के जंग में आगे आए ज़िला पार्षद शंकर यादवेन्दू, जरूरतमंदों को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं ऑक्सीजन सिलेंडर

मदनपुर । कोरोना महामारी जैसी बीमारी की दूसरी लहर ने साबित कर दिया कि इस महामारी के सामने क्या राजा और क्या सैनिक और क्या आम आदमी देशभर में लोग बेचैन हैं, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए, अस्पतालों में बेड के लिए, जरुरी दवाओं के लिए, इसमें औरंगाबाद कोई अपवाद नहीं हैं। दूसरी तरफ रेमडेसिविर जैसी दवाओं की किल्लत। महामारी वीआईपी क्षेत्र देखकर वार नहीं करती बल्कि उसके लिए तो सब बराबर होते हैं, जरुरत होती है रणनीति की और लोगों को सतर्क करने की। ऐसे में जिला पार्षद शंकर यादवेन्दू ने जरूरतमंद तथा पीड़ित परिवारों की दिन-रात सेवा में लगे हुए हैं। वे लगातार पिछले एक माह से इस कोरोना महामारी के दौर में लगातार पीड़ित व प्रभावित व्यक्तियों की सेवा में लगे हुए हैं। श्री यादवेन्दू ने दर्जनों जरूरतमंद कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध करा चुके हैं। ऐसे में यादवेन्दू लोगों के लिए उम्मीद के रूप में सामने आए हैं तथा कई रोगियों को उनके प्रयासों से बचाया जा सका है। श्री यादवेन्दू ने बताया कि मैने इसकी शुरुआत वैसे जरूरतमंदों के लिए की है जिनके मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता है और इसकी आपूर्ति निशुल्क की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसका विचार उन्हें लोगों की यथास्थिति पर आई हैं। जहां एक और सरकारी तंत्रों के द्वारा लगातार यह दिखाने की कोशिश की जा रही है की औरंगाबाद जिले में ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक जरूरतों की कोई कमी नहीं है जबकि दूसरी तरफ हकीकत विविध है जिसमें आम कोरोना मरीजों को काफी आवश्यकता है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ पीड़ितों को एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं में पूर्व की तरह दिखावटी वर्चुअल ऑनलाइन विजिट कर रहे हैं, जबकि ऑक्‍सीजन, रेमडेसिविर, बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू और खाना उपलब्ध कराने के बजाए घटिया राजनीति कर रहे हैं, और तो नहीं उल्‍टे जो मददगार बन रहा है, उसे ही परेशान कर रहे है। सरकार मरीजों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर पूरी तरह फेल है। ऐसे में बिहार की जनता का भविष्य राम भरोसे है। उन्हें कोई मतलब नहीं है की जनता मरे या जिए। श्री यादवेन्दू ने कहा कि पप्पू यादव ने इतना भी गलत नहीं किया था कि उन्हें जेल भेज दिया जाए। वो तो जनता की सेवा कर रहे थे। जनता की सेवा के लिए एंबुलेंस मामले को उजागर किया था। वहीं, 32 साल पुराने केस में अगर उनको जेल भेजा गया है, तो गिरफ्तार करने वाले पदाधिकारी भी दोषी हैं और थाना भी दोषी है जिन्होंने इतने पुराने केस को पेंडिंग रखा था, और अब गिरफ्तारी का पूर्णरूपेण स्वांग रचाया है। पप्पू यादव तो भाग भी नहीं रहे थे। इस मौके का फायदा जिस पदाधिकारी ने उठाया है,

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.