रामगढ़, जम्मू। जम्मू के सीमावर्ती गांव रामगढ़ में 8 सिखों के सेना मेडल सिपाही गुरदीप सिंह सोनू को याद करने के लिए आयोजित यह एक छोटा सा समारोह था। इस बहादुर सैनिक ने 6 जुलाई 1999 को कारगिल में पाकिस्तानियों को भारतीय क्षेत्र से बेदखल करने के लिए लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। टाइगर हिल परिसर के नियंत्रण के लिए लड़ते हुए युद्ध का मैदान सैनिकों के खून से लथपथ था। 8 सिखों के वीर जवानों ने पाकिस्तानियों के 3 जवाबी हमलों को पीछे छोड़ते हुए, खून से लथपथ युद्ध के नारे से तिरंगा फहराया। कार्यक्रम का आयोजन हर साल सिपाही गुरदीप सिंह, सेना मेडल के स्मारक पर उनके पिता श्री मोहन सिंह द्वारा ग्रामीणों की मदद से किया जाता है। जेएंडके के एनसीसीएचडब्ल्यूओ प्रमुख, ब्रिगेडियर हरचरण सिंह और कैप्टन घर सिंह को भी आयोजकों द्वारा ईएसएम और वीर नारियों के लिए उनके काम के लिए सम्मानित किया गया। प्रस्तुतीकरण पूर्व मंत्री श्री मनजीत सिंह ने किया। सिपाही गुरदीप सिंह द्वारा दिया गया बलिदान क्षेत्र के उन युवाओं के लिए आकांक्षा का स्रोत है, जो अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए भारतीय सेना में शामिल होना चाहते हैं। कार्यक्रम स्थल बार-बार बोले सो निहाल, जय हिंद और भारत माता की जय के नारों से गूंज रहा था।
जम्मू-कश्मीर के एनसीसीएचडब्ल्यूओ सदस्यों ने अपने मृत साथियों को नहीं भूलने का संकल्प लिया और राष्ट्र का आभार व्यक्त करने के लिए अपने परिवारों तक पहुंचने की पूरी कोशिश करेंगे।